MYSTICAL | ENERGIZED | SACRED
राहू यंत्र
राहू यंत्र
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राहु यंत्र :
राहु के बुरे प्रभावों को कम करने और अच्छे प्रभावों को बढ़ाने के लिए इस यंत्र की स्थापना घर में की जाती है।
राहु यंत्र के लाभ :
- यह घर में आने वाली विपदाओं को दूर करता है।
- अचानक धन प्राप्ति के मार्ग खोलता है।
- नकारात्मक ऊर्जा को आपके घर से दूर रखता है।
- शत्रुओं के प्रभाव से आपको बचाता है।
राहु का ज्योतिषीय महत्व :
ज्योतिष में राहु एक छाया ग्रह माना जाता है, जिसका अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन यह चंद्रमा के उत्तरी नोड का प्रतिनिधित्व करता है। इसे माया, भ्रम, अचानक घटनाएं, विदेश यात्रा, रहस्य, और सांसारिक इच्छाओं का कारक माना जाता है। कुंडली में राहु की शुभ स्थिति व्यक्ति को महत्वाकांक्षी, कूटनीतिक और अप्रत्याशित सफलता दिलाने वाली हो सकती है, जबकि अशुभ स्थिति भ्रम, मानसिक अशांति, दुर्घटनाएं, और रिश्तों में समस्याएं पैदा कर सकती है।
राहु यंत्र का स्वरूप और प्रतीकात्मकता :
राहु यंत्र आमतौर पर पीतल या अष्टधातु (आठ धातुओं का मिश्रण) या काले रंग की धातु की प्लेट पर उत्कीर्ण होता है। इसकी संरचना में विशिष्ट ज्यामितीय आकृतियाँ और अंक होते हैं जो राहु की ऊर्जा को केंद्रित करते हैं। यंत्र के मुख्य भाग इस प्रकार हैं:
- बिंदु (Dot): यंत्र के केंद्र में स्थित बिंदु ब्रह्मांडीय ऊर्जा और राहु की केंद्रित शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह रहस्य और अप्रत्याशितता का प्रतीक है।
- त्रिकोण (Triangle): राहु यंत्र में त्रिकोण ऊपर की ओर या नीचे की ओर इंगित करते हुए बने हो सकते हैं, जो ऊर्जा के प्रवाह और संतुलन को दर्शाते हैं।
- सर्पिल आकृतियाँ (Spiral Shapes): कुछ यंत्रों में सर्पिल आकृतियाँ भी बनी होती हैं, जो राहु की भ्रमकारी और जटिल प्रकृति का प्रतीक हो सकती हैं।
- अंक (Numbers): यंत्र पर विशिष्ट अंक उत्कीर्ण होते हैं, जो राहु की ऊर्जा आवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- बीज मंत्र (Beeja Mantra): यंत्र पर राहु का बीज मंत्र ("ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः") संस्कृत में लिखा होता है, जो राहु की ऊर्जा को आकर्षित और शांत करने में सहायक होता है।
राहु यंत्र के अतिरिक्त लाभ :
ऊपर बताए गए लाभों के अतिरिक्त, राहु यंत्र के कुछ अन्य महत्वपूर्ण लाभ भी हैं:
- विपदाओं से बचाव: यह यंत्र घर और जीवन में आने वाली अचानक विपत्तियों, दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- अचानक धन लाभ: राहु अप्रत्याशित लाभ और भाग्य परिवर्तन का कारक माना जाता है। इस यंत्र की पूजा से अचानक धन प्राप्ति के योग बन सकते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह यंत्र घर और आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है और सकारात्मक वातावरण बनाए रखने में मदद करता है।
- शत्रुओं से बचाव: राहु यंत्र शत्रुओं और विरोधियों के नकारात्मक प्रयासों से आपकी रक्षा करता है।
- मानसिक शांति: राहु के अशुभ प्रभाव से होने वाली मानसिक अशांति और भ्रम को कम करने में यह यंत्र सहायक है।
- विदेश यात्रा और सफलता: राहु विदेश यात्रा और विदेशी स्रोतों से लाभ का भी कारक है। इस यंत्र की पूजा इन क्षेत्रों में सफलता दिला सकती है।
- राजनीति और कूटनीति में सफलता: राहु कूटनीति और राजनीतिक कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। इस यंत्र की उपासना इन क्षेत्रों में सफलता दिला सकती है।
राहु यंत्र की पूजा विधि :
राहु यंत्र की नियमित पूजा इसके लाभों को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आवश्यक है:
- नित्य कर्म: प्रतिदिन सुबह या शाम को स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ नीले या काले रंग के वस्त्र धारण करें।
- यंत्र के सामने बैठें: शांत मन से यंत्र के सामने आरामदायक आसन में बैठें।
- शुद्धिकरण: यंत्र पर गंगाजल या काले तिल और सरसों के तेल मिश्रित जल को छिड़कें।
- दीपक और धूप: यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और लोबान या गूगल की धूप जलाएं।
- पुष्प अर्पण: नीले रंग के फूल (जैसे नीले कमल, अपराजिता) यंत्र पर अर्पित करें।
- मंत्र जाप: राहु देव के मंत्रों का जाप करें। सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है: "ॐ राहवे नमः"। आप दिए गए बीज मंत्र "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का भी जाप कर सकते हैं। अपनी श्रद्धा और समय के अनुसार 108 बार या अधिक जाप करें।
- राहु चालीसा या स्तोत्र का पाठ: यदि संभव हो, तो राहु चालीसा या राहु स्तोत्र का पाठ करें। यह राहु देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
- भोग अर्पण: राहु देव को काले तिल, उड़द की दाल या नारियल का भोग लगाएं।
- प्रार्थना: अंत में, हाथ जोड़कर राहु देव से अपनी मनोकामनाएं कहें और उनसे नकारात्मक प्रभावों को दूर करने, अचानक धन प्राप्ति और सुरक्षा प्रदान करने की प्रार्थना करें।
- नियमितता: इस पूजा को नियमित रूप से करें, खासकर शनिवार के दिन इसका विशेष महत्व है।
राहु यंत्र की स्थापना विधि :
राहु यंत्र को स्थापित करने के लिए सही विधि का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि इसके पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकें:
- शुभ दिन और मुहूर्त का चयन: राहु यंत्र की स्थापना के लिए शनिवार का दिन या राहु नक्षत्र को शुभ माना जाता है। किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर शुभ मुहूर्त ज्ञात करना उचित होता है।
- स्थान का चुनाव: यंत्र को घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थापित करना आदर्श माना जाता है, क्योंकि वास्तुशास्त्र के अनुसार यह दिशा राहु से संबंधित है। आप इसे अपने पूजा कक्ष में या किसी शांत स्थान पर स्थापित कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि यंत्र आसानी से दिखाई दे और उसकी नियमित पूजा संभव हो।
- शुद्धिकरण: स्थापना से पहले यंत्र और उस स्थान को गंगाजल या किसी अन्य पवित्र जल से शुद्ध करें। आप काले तिल और सरसों का तेल मिश्रित जल का उपयोग भी कर सकते हैं। धूप और लोबान जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
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यंत्र की स्थापना:
- एक साफ नीले या काले रंग का कपड़ा लें और उसे स्थापना के स्थान पर बिछाएं। ये रंग राहु से संबंधित हैं।
- यंत्र को कपड़े के ऊपर स्थापित करें।
- राहु देव का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे इस यंत्र में अपनी सकारात्मक ऊर्जा स्थापित करें और आपको लाभ प्रदान करें।
- प्राण प्रतिष्ठा (वैकल्पिक): यदि संभव हो, तो किसी विद्वान पंडित से यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करवाएं। प्राण प्रतिष्ठा एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से यंत्र में देवता की ऊर्जा को आह्वानित किया जाता है, जिससे यह और भी शक्तिशाली बन जाता है।
राहु यंत्र के उपयोग में सावधानियां :
- यंत्र की पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। इसे हमेशा साफ और स्वच्छ रखें।
- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान यंत्र को छूने से बचना चाहिए।
- यदि यंत्र किसी कारण से खंडित हो जाए, तो उसे तुरंत बदल दें। खंडित यंत्र की पूजा फलदायी नहीं मानी जाती।
- यंत्र पर किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तु न रखें।
- अपनी श्रद्धा और विश्वास को बनाए रखें। यंत्र की शक्ति आपके विश्वास और समर्पण पर भी निर्भर करती है।
- राहु की पूजा में नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। किसी भी संदेह की स्थिति में योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
निष्कर्ष :
राहु यंत्र उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक उपकरण है जो राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और सकारात्मक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। इसकी नियमित पूजा से जीवन में सुरक्षा, अप्रत्याशित धन लाभ और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव मिल सकता है। हालांकि, इसकी पूजा विधिपूर्वक और सावधानी से करनी चाहिए, और किसी भी संदेह की स्थिति में ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना उचित है।
यंत्र मेटल का बना हुआ है. यंत्र की साइज़ 3 इंच x 3 इंच है.
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