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पेरिडॉट ब्रेसलेट

पेरिडॉट ब्रेसलेट

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पेरिडॉट ब्रेसलेट :

नवरत्नों का संबंध ग्रहों से होता है. ऐसे में नवरत्नों का हमारे जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना रत्न बुध ग्रह से संबंधित होता है. लेकिन, पन्ना धारण करना हर किसी के लिए संभव नहीं होता. ऐसे में पन्ना का उपरत्न पेरिडॉट धारण करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, पेरिडॉट भी बुध ग्रह से संबंध रखता है. इसे मनी स्टोन भी कहा जाता है. पेरिडॉट को राशि के हिसाब से ही धारण करना चाहिए. पेरिडॉट धारण करने से शिक्षा, व्यापार और नौकरी के क्षेत्र में सफलता मिलती है. आइये जानते हैं पेरिडॉट रत्न से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें.


पेरिडॉट रत्न धारण करने के लाभशास्त्रों के अनुसार, पेरिडॉट धारण करने से मन शांत और पॉजिटिव रहता है. जिससे तनाव कम होता है और व्यक्ति तेजी से निर्णय लेने में सक्षम होता है. पेरिडॉट रत्न को मनी स्टोन भी कहते हैं. ऐसे में पेरिडॉट रत्न धारण करने से आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है. घर में धन की कमी नहीं रहती. पेरिडॉट धारण करने से अटके हुए कार्य भी पूरे होते हैं. इसे धारण करने से करने से धन, संपत्ति और यश प्राप्त होता है. पेरिडॉट धारण करने से धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और बुध ग्रह दोष भी दूर होता है.

पेरिडॉट के नियम :
पेरिडॉट धारण करने के लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं. पेरिडॉट रत्न को कोई भी धारण कर सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, मीन राशि के जातकों की कुंडली में चंद्रमा हो, तो पेरिडॉट रत्न धारण करना शुभ माना जाता है. इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार, पेरिडॉट रत्न को लॉकेट या फिर अंगूठी में दाएं हाथ की अनामिका या कनिष्ठा उंगली में धारण करना चाहिए. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है. सफलता के मार्ग भी प्रशस्त होते हैं.

 


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