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गौरी शंकर रुद्राक्ष
गौरी शंकर रुद्राक्ष
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गौरीशंकर रुद्राक्ष :
भगवान शिव और माता पार्वती की एकता और बंधन को व्यक्त करने वाली दिव्य एकता का प्रतीक है। आपको जीवनसाथी/भागीदारों के साथ एकता एवं भावनात्मक सफलता का आशीर्वाद प्रदान करता है। गौरीशंकर रुद्राक्ष दो रुद्राक्षों का योग है, जो स्वाभाविक रूप से जुड़े हुए हैं, इस प्रकार मिलन और बंधन को व्यक्त करते हैं।
गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने पर आपको भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। गौरीशंकर रुद्राक्ष जीवन साथी के बीच संबंध बनाने और स्थापित करने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने से आपके संबंधों में और स्पष्टता आएगी। गौरीशंकर रुद्राक्ष सुनिश्चित करता है कि आप उनके रिश्तों में मजबूत संबंध और प्यार का अनुभव करें।
अन्य लाभ :
- माना जाता है कि गौरीशंकर रुद्राक्ष परिवार में सद्भाव और समृद्धि प्रदान करता है।
- गौरीशंकर रुद्राक्ष हृत पद्म चक्र की शुरुआत करता है और पहनने वाले की चेतना को स्पष्ट करता है।
- गौरी शंकर रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से किन्हीं दो रुद्राक्षों का मेल हो सकता है।
- गौरी शंकर रुद्राक्ष एक विशेष किस्म है जो आपके इड़ा और पिंगला में स्थिरता लाता है।
- गौरी शंकर रुद्राक्ष आपको एक संतुलित व्यक्तित्व बनाता है और आप अपने जीवन में समझदारी का प्रदर्शन करते हैं।
गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की विधि :
गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुक्रवार का दिन शुभ होता है। गौरी शंकर रुद्राक्ष को चांदी या सोने की चेन में या नायलॉन के धागे में बांधना चाहिए। प्रात:काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं और निम्न मंत्रो का 108 बार जाप करें - "ॐ गौरि शंकराये नमः" "ओम ऐं ह्रीम यगल रूपनाय नमः" गौरी शंकर रुद्राक्ष को हार, कंगन, अंगूठी के रूप में पहना जा सकता है या फिर मंत्र जाप के बाद इसे पूजा स्थल में रख सकते हैं।
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